3-PHASE INDUCTION MOTOR STARTER
क्यों लगाया जाता है स्टार्टर ?
स्कूअर्ल केज वाइन्डिंग (रोटर) इतनी कम रेजिस्टेन्स की होती है कि जब मोटर को सप्लाई दी जाती है तो वह एक शॉर्ट ट्रान्सफार्मर की तरह काम करती है। इसलिए मोटर बहुत अधिक धरा लेगी,जिससे सप्लाई वोल्टता पर गिरावट आ सकती है।
आपने देखा होगा जब कोई मोटर स्टार्ट होता है तब कुछ क्षण के लिए वोल्टेज कम
हो जाता हैं। इतना तो तब होता है, जब मोटर को स्टार्टर से स्टार्ट किया जाता है। हालांकि छोटी मोटरों को सीधी
लाइन से जोड़कर चलाया जा सकता है।
मोटर की स्टार्टिंग करेन्ट अथवा वोल्टेज को कम करने के लिए स्टार्टर का
प्रयोग किया जाता है। कम वोल्टेज देने का सबसे आसान तरीका स्टार-डेल्टा स्टार्टर
है।
3 फेज
इंडक्शन को स्टार्ट करने के लिए निम्नलिखित स्टार्टर प्रयोग में लाये जाते है
लेकिन
इस पोस्ट में कुछ मुख्य स्टार्टर के बारे में जानेगे
(i)प्रत्यक्ष लाइन जोड़ने वाला स्टार्टर (Direct
on line starter),
(ii) स्टार-डेल्टा स्टार्टर (Star-delta starter)(click to jump)
(iii) लाइन प्रतिरोध स्टार्टर (Line resistance starter),
(iv) लाइन प्रतिघात स्टार्टर (Line reactance starter),
(v) स्वपरिणामित्र स्टार्टर (Auto-transformer starter)(clickto jump),
(vi) घूर्णक प्रतिरोध स्टार्टर (Rotor resistance starter)
(ii) स्टार-डेल्टा स्टार्टर (Star-delta starter)(click to jump)
(iii) लाइन प्रतिरोध स्टार्टर (Line resistance starter),
(iv) लाइन प्रतिघात स्टार्टर (Line reactance starter),
(v) स्वपरिणामित्र स्टार्टर (Auto-transformer starter)(clickto jump),
(vi) घूर्णक प्रतिरोध स्टार्टर (Rotor resistance starter)
(1) प्रत्यक्ष लाइन जोड़ने वाला स्टार्टर (Direct on Line Starter (D.O.L))
इस प्रकार का स्टार्टर उन
मोटरों के लिए उपयुक्त होता है जिनमें स्टार्टिंग करंट को कम करने की आवश्यकता
नहीं होती। यहाँ स्टार्टर लगाने का मुख्य उद्देश्य मोटर को असामान्य स्थितियों(over load protection, no volt protection ) में सुरक्षा प्रदान करना
होता है। ।
सामान्यत: 5 H.P. से कम
पॉवर की मोटरो के लिए इस प्रकार के स्टार्टर(DOL STARTER) प्रयुक्त होता हैं।
संरचना (Construction of DOL starter):-
इस प्रकार के स्टार्टर की परिपथ
व्यवस्था तथा उसका मोटर से संयोजन चित्र में दर्शाया गया है। यह स्टार्टर एक
विद्युत चुम्बकीय कॉन्टेक्टर, एक ऑन पुश बटन, एक ऑफ पुश बटन तथा एक अतिभार रिले (over load relay) से निर्मित इकाई होती है,| चित्र में स्टार्टर का संयोजन
एक ओर supply से तथा दूसरी ओर 3 फेज मोटर से दर्शाया गया है।
कार्यविधि(Working
Method)
इस स्टार्टर द्वारा
मोटर को ON किया जा सकता है, आफ (off)
किया जा सकता है तथा अतिभार
रक्षण (over load protection) व शून्य वोल्टता रक्षण(no volt
protection) प्राप्त किया जा सकता है।
जब स्टार्टर का ऑन पुश-बटन दबाया जाता है तो उसके कॉन्टेक्टर
की coil का विद्युत परिपथ पूर्ण होने से वह चम्बकित होती है और कॉन्टेक्टर को
प्रचालित कर, मोटर को सीधी लाइन
वोल्टता से जोड़ देती है और मोटर सीधा लाइन पर प्रारम्भ हो जाती है। मोटर को ऑफ
करने के लिए आफ पुश-बटन को दबाया जाता है
जिससे कॉन्टेक्टर की coil का विद्युत परिपथ भंग होता है और वह विचुम्बकित हो जाती
है। जिससे कॉन्टेक्टर प्रचालित होकर मोटर को विद्युत परिपथ से अलग (isolate) कर देता है
और सप्लाई न मिलने से मोटर ऑफ हो जाती है।
ट्रांसफार्मर से सम्बन्धी सभी प्रश्नों के उत्तर
DC मोटर स्टार्टर (DC मोटर को कैसे स्टार्ट किया जाता है ? )
(2) Star-Delta Starter
यह स्टार्टर मोटर को प्रारम्भ करने के लिए, पहले उसे
star(Y) में संयोजित कर, उसे प्रारम्भ
करता है और फिर delta(△) में संयोजित कर, सामान्य
प्रचालन स्थिति प्रदान करता है। जब स्टार्टर के लिए मोटर star संयोजित होकर सप्लाई से जुड़ती है
तो मोटर की प्रतिफेज वोल्टता, लाइन की सामान्य वोल्टता VL
का 1/√3 गुना
अर्थात् VL/√3 या सामान्य वोल्टता का 57.7%
ही होती है। इस प्रकार मोटर 57.7% वोल्टता पर, कम starting
करंट के साथ प्रारम्भ होती है। जब हम
कुछ समय बाद मोटर को पुनः डेल्टा में संयोजित कर देता है तो मोटर को सामान्य
वोल्टता प्राप्त हो जाती है और वह सामान्य वोल्टता पर प्रचालित हो जाती है।
स्टार –डेल्टा स्टार्टर
दो प्रकार का होता है
· हस्तचालित (manual) स्टार
डेल्टा स्टार्टर
· स्व-चालित (automatic) स्टार डेल्टा स्टार्टर
हस्त-चालित (manual) स्टार डेल्टा स्टार्टर
संरचना (Construction)
हस्त-चालित स्टार्टर में एक हस्तचालित
कॉन्टेक्टर होता है, जिसकी तीन स्थितियाँ होती हैं, एक ओर स्टार संयोजन (START),
स्थिति बीच में ऑफ (OFF) स्थिति तथा दूसरी ओर डेल्टा
संयोजन (RUN) स्थिति होती है। हत्थे को ऊपर की ओर करने पर START तथा नीचे करने पर RUN स्थिति प्राप्त होती है। यहाँ इस बात के लिए यान्त्रिक ताला (mechanical
lock) की व्यवस्था होती है कि हत्था बिना START की ओर जाये RUN की ओर नहीं ले जाया जा सकता ताकि
मोटर सीधा डेल्टा में सप्लाई से न जोड़ी जा सके। हस्त चालित कॉन्टेक्टर (manual
contactor) स्टार्टर में हत्थे को ऑन (RUN) स्थिति
में रोकने के लिए विद्युत चुम्बकीय धारण कण्डली (holding coil) अतिभार रक्षण रीले(over
load protection relay) तथा एक ऑफ (OFF) पुश-बटन भी होता है।
इसमें मोटर के लिए छः टर्मिनल तथा सप्लाई के लिए तीन टर्मिनल होते हैं। स्टार-डेल्टा
स्टार्टर का प्रयोग समान्यतः 15 H.P. तक की मोटरों के लिए
किया जाता है
कार्यविधि Working Method
हस्त-चालित स्टार्टर मोटर को कम वोल्टता पर प्रारम्भ
करता है तथा सामान्य वोल्टता पर फुलस्पीड
देता हैं साथ ही मोटर को अतिभार रक्षण(over load protection) व शून्य वोल्टता
रक्षण(no load protection) भी प्रदान करते हैं। हस्त चालित स्टार्टर से मोटर को
स्टार्ट करने के लिए हत्थे की सहायता से मोटर को स्टार-में जोड़ते है तथा फिर कुछ
समय बाद, मोटर की चाल सामान्य चाल के निकट आ जाने पर उसे
पुनः हत्थे की सहायता से डेल्टा में संयोजित कर देते है
मोटर को ऑफ (OFF)
करने के लिए स्टार्टर में ऑफ पुश-बटन होता है जिसे दबाने से धारण
कुण्डली (holding coil) विचुम्बकित होती है जिससे सप्लाई
देने वाला कॉन्टेक्टर प्रचालित होकर मोटर को सप्लाई से वियोजित (disconnect)
कर देता है और मोटर ऑफ हो जाती है।
स्व-चालित (automatic) स्टार डेल्टा स्टार्टर
स्व-चालित स्टार-डेल्टा स्टार्टर की संरचना हस्त चालित स्टार्टर के सामान ही होती है इसमे
केवल एक अतिरिक्त टाइम डिले रीले (time delay relay), तथा तीन कॉन्टेक्टर"एक लाइन के लिए ,दूसरा डेल्टा के लिए,तीसरा स्टार के लिए लगा दिया जाता है
इसके संरचना को विस्तृत में जानने के लिए उपर्युक्त हस्त चलित
स्टार्टर की संरचना को देखे
कार्यविधि Working Method
यह भी स्टार्टर मोटर को कम वोल्टता
प्रारम्भन तथा सामान्य वोल्टता प्रचालन देता हैं साथ ही मोटर को अतिभार रक्षण(over
load protection) व शून्य वोल्टता रक्षण(no volt protection) भी प्रदान करते हैं।
दोनों के प्रचालन में केवल इतना अन्तर होता है कि हस्त चालित स्टार्टर से मोटर को
हत्थे के द्वरा पहले स्टार में-संयोजित करते है तथा फिर कुछ समय बाद, मोटर की चाल सामान्य चाल के निकट
आ जाने पर उसे पुनः डेल्टा में संयोजित कर दिया जाता है, परन्तु स्व-चालित स्टार्टर में
केवल ऑन-पुश बटन को दबाने की आवश्यकता होती है जिससे मोटर स्टार में प्रारम्भ हो जाती
है। मोटर के पर्याप्त चाल ग्रहण करने के बाद, पूर्व व्यवस्थित समय पर टाइम
डिले रीले प्रचालित
होकर, स्टार-कॉन्टेक्टर
को ऑफ तथा डेल्टा कॉन्टेक्टर को ऑन कर देती है, जिससे मोटर डेल्टा-संयोजित होकर
सामान्य वोल्टता पर प्रचालित हो जाती है। मोटर को ऑफ (OFF) करने के लिए स्टार्टर में ऑफ
पुश-बटन होता है जिसे दबाने से धारण कुण्डली (holding coil) विचुम्बकित होती है जिससे सप्लाई
देने वाला कॉन्टेक्टर प्रचालित होकर मोटर को सप्लाई से वियोजित (disconnect)
कर देता है
और मोटर ऑफ हो जाती है।
Auto-transformer Starter
यह भी 3-फेज
इंडक्शन मोटरों के प्रारम्भन की न्यून वोल्टता स्टार्टर विधि पर आधारित स्टार्टर है जिसमें starting
के समय, starting
विद्युतधारा को कम करने के लिए एक auto-transformer का
प्रयोग किया जाता है। यह स्टार्टर,
मोटर को starting के लिए आवश्यक न्यून वोल्टता ऑटो ट्रांसफार्मर द्वारा
देता है और मोटर के गतिशील हो जाने के बाद उसे सीधा सप्लाई की वोल्टता से जोड़कर,
मोटर को सामान्य वोल्टता प्रचालन देता है।
संरचना Construction
यह भी
स्टार्टर हस्तचालित (manual) तथा स्व-चालित (automatic)भी होता है| इस पोस्ट में हम हस्तचालित ऑटो ट्रांसफार्मर स्टार्टर के बारे
में बात करेगे । यह एक तीन स्थितियों, (START, OFF, व RUN) वाले हस्त-चालित
कॉन्टेक्टर, एक धारण कुण्डली, एक
अतिभार रिले(over load रिले ), एक ऑटो ट्रांसफार्मर, एक ऑफ पुश बटन तथा छ: टर्मिनल,( तीन सप्लाई तथा तीन मोटर हेतु,) व्यवस्था वाली इकाई होती है जिसका मोटर के साथ संयोजन दिखाया गया है
कार्यविधि Working Method
इस स्टार्टर द्वारा भी 3-फेज इंडक्शन मोटरों को ऑन, ऑफ तथा अतिभार रक्षण(over
load protection) एवं शून्य वोल्टता रक्षण(no volt protection) प्रदान किया जाता
है। हस्त-चालित ऑटो ट्रांसफार्मर स्टार्टर में हस्त-चालित कॉन्टेक्टर को START
स्थिति में रखकर, मोटर को ऑटो ट्रांसफार्मर से
प्राप्त उसे न्यून विद्युतधारा पर प्रारम्भ कर लिया जाता है और जब मोटर पर्याप्त
गति प्राप्त कर लेता है तो पुनः हत्थे की सहायता से, हस्त-चालित
कॉन्टेक्टर को RUN स्थिति में लाकर, मोटर
को सामान्य वोल्टता पर प्रचलित कर दिया जाता है। यहाँ भी START व RUN के बीच यान्त्रिका ताला व्यवस्था (mechanical
lock होती है जिससे हत्थे को बिना START पर लाये RUN में नहीं लाया जा
सकता।
hello दोस्तों इस पोस्ट में हमने आपको इंडक्शन मोटर स्टार्टर(DOL STARTER, STAR-DELTA STARTER, AUTO TRANSFORMER STARTER ) के बारे में सारी जानकारी दी है इसके अलावा अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें, धन्यवाद
hello दोस्तों इस पोस्ट में हमने आपको इंडक्शन मोटर स्टार्टर(DOL STARTER, STAR-DELTA STARTER, AUTO TRANSFORMER STARTER ) के बारे में सारी जानकारी दी है इसके अलावा अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें, धन्यवाद
1 comments:
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