ट्रासफार्मर क्या होता है ?
ट्रांसफार्मर एक स्थिर विधुत मशीन है जो प्रत्यावर्ती धारा के वोल्टेज को
परिवर्तित करने के काम आती है जिसकी आवृत्ति समान रहती है।
ट्रांसफार्मर का मूल सिद्धान्त क्या है? (BASIC PRINCIPLE OF TRANSFORMER in hindi)
ट्रांसफार्मर एक ऐसी स्थैतिक मशीन (STATIC MACHINE) है जो AC
के वोल्टेज व् धारा को समान आवृत्ति पर परिवर्तित (TRANSFER) करने के
काम आती है,
अर्थात् ट्राँसफार्मर- निम्न वोल्टता वाली उच्च धारा वाली
AC धारा को उच्च वोल्टता की निम्न धारा में,
अथवा उच्च वोल्टता की निर्बल धारा को निम्न तोल्टता वाली उच्च
विद्युत धारा में दी हुई आवृत्ति के समान आवृत्ति पर करता है ।
नोट : ट्रांसफार्मर ac करंट के केवल वोल्टेज व् धारा में परिवर्तन करता है
आवृति में परवर्तन नहीं करता है
ट्राँसफार्मर का कार्य सिद्धान्त स्थैतिक प्रेरण सिद्धान्त (Static
induction principle) पर आधारित है।
सधारणत: एक ट्रॉसफार्मर ऐसे चुम्बकीय परिपथ का बना होता है जिसमें दो
विशिष्ट कुण्डलन (WINDING) होती है जिन्हें प्राथमिक कुण्डलन (PRIMARY
WINDING) तथा द्वितीयक कुण्डलन (SECONDARY WINDING) कहते हैं।
जब प्राथमिक कुण्डलन को प्रत्यावर्ती धारा सप्लाई (A.C. SUPPLY) से जोड़
दिया जाता है तो पटलित क्रोड lamineted core में प्रत्यावर्ती
फ्लक्स(alternating flux) स्थापित होता है
तथा इस फ्लक्स के SECONDARY WINDING से सहलग्न (LINKING) होने पर
द्वितीयक कुण्डलन में एक प्रत्यावर्ती वि० वा० बल (E.M.F.) प्रेरित होता
है।
यह क्रिया दोनों कुण्डलनों के बीच प्रेरण(induction) के कारण होती है।
प्रत्यावर्ती फ्लक्स के कारण प्राथमिक कुण्डलन में भी स्वप्रेरण (SELF
INDUCTION) के कारण वि० वा० बल प्रेरित होता है।
यदि फ्लक्स दोनों कुण्डलनों के प्रत्येक वर्तन से पूर्ण रूप से सम्बद्ध होता
है तो प्रेरित वि, वा, बल का मान प्रत्येक क्षण प्रत्येक वर्तन (turn)के
बिल्कुल समान होगा।
इस प्रकार SECONDARY WINDING में प्रेरित वि० वा० बल PRIMARY WINDING
में प्रयुक्त वोल्टता (APPLIED VOLTAGE) के बिल्कुल विपरीत फेज में होगा (
कुण्डलनों के प्रतिरोध उपेक्षित मानते हुए)।
द्वितीयक कुण्डलन(वाइंडिंग) में प्रेरित विधुत वाहक बल द्वितीयक
कुण्डलन के वर्तनों (तारो के लपेटो )के संख्या पर निर्भर करता है।
जब द्वितीयक कुण्डलन में वर्तनों की संख्या प्राथमिक कुण्डलन से अधिक होगी
जब द्वितीयक कुण्डलन में प्रेरित वि० वा० बल प्राथमिक कुण्डलन में प्रयुक्त
वोल्टता से अधिक होगा।
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ट्रांसफार्मर के मुख्य भाग क्या क्या है (Main Parts of Transformer)
ट्रांसफार्मर के निम्नलिखित मुख्य भाग होते है
(a) कोर (Core) -
कोर का मुख्य कार्य पोल फ्लक्स के लिए चुम्बकीय पथ प्रवाहित करना है एवं
ट्रांसफार्मर वाइंडिंग को सहायता प्रदान करना है।
(b) कुण्डलन (Windings) -
ट्रांसफार्मर वाइंडिंग निम्नलिखित दो तरह की होती है
- प्राइमरी वाइंडिंग
- सेकण्ड्री वाइंडिंग ।
यह मुख्यत: conductor(तार) होते हैं जो सबसे अच्छा चालक एवं सस्ता हो उसी
चालक से वाइंडिंग की जाती है।
ट्रांसफार्मर वाइंडिंग मुख्य रूप से वाइंडिंग टर्न पर निर्भर करती है।
प्राइमरी वाइंडिंग वह है जिस पर हम सप्लाई वोल्टेज देते हैं। तथा सेकण्ड्री
वाइंडिंग वह है जिस पर हम लोड लगाते हैं।
(c) विद्युतरोधन (Insulation)–
इंसुलेशन वह है जिससे धारा प्रवाहित नहीं होती। विद्युतरोधन का उपयोग
ट्रांसफार्मर में इसलिए किया जाता है कि दोनों वाइंडिंग को एक-दूसरे से
विद्युतरोधित किया जा सके जो विभिन्न परतों के मध्य किया जाता है।
(D) टैंक (Tank) –
ट्रांसफार्मर टैंक वह है जिसमें ट्रांसफार्मर को रखा जाता है। टैंक का उपयोग
शीतलीकरण के लिए किया जाता है और टैंक में संवाहन नलिकाएँ लगाई जाती हैं जो
वायु का संरक्षण कर सके एवं तेल शीतलीकरण में बाहर से खोखली नलिकाएं लगाई जा
सकें तथा टैंक में ट्रांसफार्मर तेल भरा जा सके।
(e) टर्मिनल तथा टर्मिनल बॉक्स (Terminal and Terminal Box)–
टर्मिनल अधिकतम पीतल के बनाए जाते। हैं तथा इनका उपयोग प्राइमरी तथा
सेकण्ड्री टर्मिनलों या टर्मिनल बॉक्स के सिरों के लिए किया जाता है। टर्मिनल
बॉक्स को टैंक के ऊपर लगाया जाता है।
(f) ब्रीदर (Breather) —
यह ट्रांसफार्मर को श्वास लेने के लिए लगाया जाता है और इससे हवा फिल्टर
होकर अन्दर प्रवेश करती है और यह हवा में उपस्थित नमी एवं धूल को फिल्टर करता
है
ट्रांसफार्मर कितने प्रकार का होता है Types of Transformers in Hindi
ट्रांसफार्मर को संरचना के आधार पर मुख्यतः निम्नलिखित तीन प्रकार में विभाजित किया जाता हैं
(1) कोर प्रारूपी (Core type)
(2) शैल प्रारूपी (Shell type)
(3) बैरी प्रारूपी (Berry type)
कार्य के आधार पर ट्रांसफार्मर कितने प्रकार का होता है ?
(1) Step-up Transformer
(2) Step-down Transformer
विद्युत सप्लाई के आधार पर ट्रांसफार्मर कितने प्रकार का होता है ?
(Classification of Transformers based on Electrical Supply)(1) एकल फेजी (कलीय) ट्रांसफार्मर (Single Phase Transformer)
(2) तीन फेजी (कलीय) ट्रांसफार्मर (Three Phase Transformer)
Core type Transformer-
कोर टाइप ट्रांसफार्मरों में वाइंडिंग को ट्रांसफार्मरों के बाहरी कोर पर किया जाता है या कोर वाइंडिंग से ढके होते हैं। इसमें "L" आकार के कोर का प्रयोग करते हैं और कोर को आयताकार के रूप में बनाया जाता है। वाइंडिंग बेलनाकार, अण्डाकार या आयताकार होती है।
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Core type transformer |
Shell type Transformer–
शैल टाइप ट्रांसफार्मरों के कोर को E टाइप के कोर से बनाया जाता है। इसके प्राइमरी तथा सेकण्ड्री वाइंडिंग को अलग करके सैंडविच की तरह रखा जाता है। इसकी वाइंडिग बाहरी कोर से ढकी होती है। इसकी वाइंडिंग केन्द्रीय पाद (central limb) पर की जाती है। इनमें दो चुम्बकीय परिपथ होते हैं। इसलिए इसे शैल टाइप कहते हैं। |
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(Shell type) |
Berry type Transformer–
बैरी टाइप ट्रांसफार्मरों में केवल एक वाइंडिंग होती है पर इसके कोर को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाता है कि फ्लक्स प्रवाह के कई रास्ते हो। इसकी वाइंडिंग को बेलनाकार या वृत्ताकार रूप में रखा जाता है।
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कार्य के आधार पर ट्रांसफार्मरों के प्रकार
(1) उच्चायी ट्रांसफार्मर (Step-up Transformer)(2) अपचायी ट्रांसफार्मर (Step-down Transformer)
(1 ) Step-up Transformer—
वह ट्रांसफार्मर जो प्राथमिक वोल्टेज या धारा को बढ़ाकर लोड की तरफ सप्लाई देता है,उच्चायी ट्रांसफार्मर कहलाता है या दूसरे शब्दों में वह ट्रांसफार्मर जो निम्न वोल्टेज या धारा को उच्च वोल्टेज या धारा में परिवर्तित करता है, Step-up Transformer कहलाता है।
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Step-up Transformer |
(2) Step-down Transformer—
वह ट्रांसफार्मर जो प्राथमिक वोल्टेज या धारा को घटाकर लोड की तरफ सप्लाई देता
है, उसे अपचायी ट्रांसफार्मर कहते हैं या दूसरे शब्दों में “वह ट्रांसफार्मर जो
उच्च वोल्टेज या धारा को निम्न वोल्टेज या धारा में परिवर्तित करता है,
Step-down Transformer कहलाता है।
(1) एकल फेजी (कलीय) ट्रांसफार्मर (Single Phase Transformer)
(2) तीन फेजी (कलीय) ट्रांसफार्मर (Three Phase Transformer)

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Step-down Transformer |
विद्युत सप्लाई के आधार पर ट्रांसफार्मर के प्रकार
(Classification of Transformers based on Electrical Supply)(1) एकल फेजी (कलीय) ट्रांसफार्मर (Single Phase Transformer)
(2) तीन फेजी (कलीय) ट्रांसफार्मर (Three Phase Transformer)
(1) Single Phase Transformer-
सिगल फेज ट्रांसफार्मर वहट्रांसफार्मर है जिसके इनपुट तथा आउटपुट दोनों सिरों पर एकल (single) फेज हो।
Three Phase Transformer)–
त्रिफजा ट्रांसफार्मर वह ट्रांसफार्मर है जिसके इनपट तथा आउटपुट दोनों सिरों
पर तीन फेज-तीन चालक या तीन फेज-चार चालक हो।
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Three Phase Transformer |
hello दोस्तों इस पोस्ट में हमने आपको ''TRANSFORMER IN HINDI | TRANSFORMER क्या है ?'' और types of transformer in hindi के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी है इसके अलावा अगर आपका कोई
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